(कार्तिक स्वामी मंदिर)
“ Kartik Swami Temple , Rudraprayag !!
कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले के कनकचौरी नामक गाँव से 3 किमी की दुरी में स्थित क्रोध पर्वत पर स्थित है। कार्तिकेय या मुरुगन शिव के जयेष्ट पुत्र हैं तथा उत्तरी भारत में केवल एक ही मंदिर है। यह मंदिर समुद्र की सतह से 3048 मीटर की ऊँचाई पर स्थित शक्तिशाली हिमालय की श्रेणियों से घिरा हुआ है |
कार्तिक स्वामी मंदिर का इतिहास एवम् मान्यता !!
HISTORY AND BELIEF OF KARTIK SWAMI TEMPLE !!
कार्तिक स्वामी मंदिर समुद्र तल से 3048 मीटर की ऊंचाई पर शक्तिशाली हिमालय की श्रेणियों से घिरा हुआ है | भगवान कार्तिक स्वामी को भारत के दक्षिणी भाग में “कार्तिक मुरुगन स्वामी” के रूप में भी जाना जाता है । शिव पुराण के केदारखंड के कुमार खंड में वर्णित है कि एक बार भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय में पहले विवाह को लेकर मतभेद हो गया था । जब यह बात जब भगवन शिव तथा माता पार्वती तक पहुंची तो दोनों ने एक युक्ति निकाली की, जो सर्वप्रथम विश्व जगत की परिक्रमा पर पहले आएगा उसका विवाह कर दिया जाएगा. माता पिता की आज्ञा लेकर भगवान कार्तिकेय अपने वाहन मोर में विराजमान होकर विश्व परिक्रमा के लिए चल दिए तथा गणेश ने माता-पिता की परिक्रमा कर कहा कि माता-पिता को विश्व में सबसे बड़ा माना गया है इसलिए मैंने आप दोनों की परिक्रमा कर ली है । प्रसन्न होकर भगवन शिव तथा माता पार्वती ने भगवान गणेश जी का विवाह विश्वजीत की पुत्रियों ऋद्धि व सिद्धी से कर दिया । यह सन्देश जब नारद द्वारा भगवान कार्तिकेय को बताया गया तो भगवान कार्तिकेय अति क्रोधित हुए तथा अपने शरीर का मांस काटकर माता-पिता को सौंपा और मात्र निर्वाण रूप (हडिडयों का ढांचा) लेकर क्रौंच पर्वत पर पहुंचकर तपस्या में लीन हो गए ।
कार्तिक स्वामी मंदिर आने का उचित समय
When visit at Kartik swami temple
समुद्र तल से 3048 मीटर की ऊंचाई कार्तिक स्वामी मंदिर बारह महीने भक्तो के लिए खुला रहता है आप सभी समय अनुकूल रुद्रप्रयाग से यहाँ आसानी से आ जा सकते है | रुद्रप्रयाग – पोखरी मार्ग पर स्थित इस मंदिर तक कनक चौरी गांव से 3 किमी की ट्रेकिंग के द्वारा पहुंचा जा सकता है।